5 Easy Facts About Shodashi Described
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The murti, that is also found by devotees as ‘Maa Kali’ presides above the temple, and stands in its sanctum sanctorum. Here, she is worshipped in her incarnation as ‘Shoroshi’, a derivation of Shodashi.
ह्रीं श्रीं क्लीं परापरे त्रिपुरे सर्वमीप्सितं साधय स्वाहा॥
॥ इति श्रीत्रिपुरसुन्दरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥४॥
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥२॥
षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।
देवीभिर्हृदयादिभिश्च परितो विन्दुं सदाऽऽनन्ददं
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षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram
अकचादिटतोन्नद्धपयशाक्षरवर्गिणीम् ।
कामाक्षीं कामितानां वितरणचतुरां चेतसा भावयामि ॥७॥
॥ ॐ क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं श्रीं ॥
मन्त्रिण्या मेचकाङ्ग्या कुचभरनतया कोलमुख्या च सार्धं